| 000 | 03936nam a2200433Ia 4500 | ||
|---|---|---|---|
| 100 | _aप्रधान, गणेश प्रभाकर | ||
| 490 | _aआव्हानांशी संघर्ष आणि परिवर्तनाची दिशा | ||
| 520 | _aप्रस्तावना--ग.प्र,प्रधान | ||
| 365 | _b150 | ||
| 942 | _cBK | ||
| 654 | _aज्ञानाधिष्ठित समाजाच्या मन्वंतरकालीन रचनात्मकपरिवर्तनाचे स्वरूप आणि दिशा-डॉ.राम ताकवले | ||
| 654 | _a मुस्लिम प्रबोधन चळवळ--अलीम वकील | ||
| 654 | _a रात्रंदिन आम्हा युद्धाचा प्रसंग --बाबा आढाव | ||
| 654 | _a समाजवादी रचनाकर्म--सुरेंद्र मोहन | ||
| 654 | _a परिवर्तनाच्या राजकारणापुढील पेच--सुहास पळशीकर | ||
| 654 | _a प्रस्तावना--ग.प्र,प्रधान | ||
| 654 | _a रा.स्व.संगाचे दुसरे नाव फँसिझम--मधु वाणी | ||
| 654 | _a जागतितीकरण आणि दुर्बल--उत्तम कांबळे | ||
| 654 | _a भाईंच्या सांगाती आम्ही 'बि'घडलो--शिवाजी खैरे | ||
| 654 | _a आगामी काळ समानतेसाठीच्या संघर्षाचा ! --कुमार सप्तर्षी | ||
| 654 | _a खरे आव्हान विचारांचेच--गोविंद पानसरे | ||
| 654 | _a राष्ट्रीय एकात्मतेचे पुरस्कर्ते भाई वैद्य--हुसेन जमादार | ||
| 654 | _a पँथर ते नक्षलवादी ऐक्य:खाळाची निकड--भाई वैद्य | ||
| 654 | _a प्रतिक्रांती रोखायला हवी--आ.ह.साळुंखे | ||
| 654 | _a भविष्य का समाजवाद --किशन पटनायक | ||
| 654 | _a आर्थिक निकषांवर आरक्षणे:मूळ समतावादी भूमिकेला हरताळ--भास्कर लक्ष्मण लोळे | ||
| 654 | _a राजकिय हिंसा,नव्या सामाजिक चळवळी आणि रचनात्मक कार्य--अशोक चौसाळकर | ||
| 654 | _a रिपब्लिकन पक्ष ऐक्य: स्वप्न आणि वास्तव | ||
| 654 | _a नव्या आर्थिक धोरणाची दशकातील वाटचाल--मधु दंडवते | ||
| 654 | _a भविष्यातील आव्हाने आणि संघर्ष--रावसाहेब कसबे | ||
| 654 | _a भाई वैद्य: स्वप्नभूमीच्या शोधात- -जनार्दन वाघमारे | ||
| 654 | _a समतेचा लढा व मध्यम वर्गाची संस्कृती--राजेंद्र व्होरा | ||
| 654 | _a रचनात्मक संघर्ष--पन्नालाल सुराणा | ||
| 654 | _a | ||
| 245 | _aआव्हानांशी संघर्ष आणि परिवर्तनाची दिशा | ||
| 260 |
_aपुणे _bमा.भाई वैद्य अमृत महोत्सव गौरव समिती _c2003 |
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| 082 | _aM320.954 | ||
| 300 |
_bHb _c21.5 cm _a235 |
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| 999 |
_c352776 _d352776 |
||
| 041 | _amar | ||