| 000 | 00788nam a2200241Ia 4500 | ||
|---|---|---|---|
| 100 | _aकुलकर्णी, वा. ल. | ||
| 365 | _b12 | ||
| 942 | _cBK | ||
| 654 | _aपण लक्षात कोण घेतो | ||
| 654 | _a जग हे असें आहे | ||
| 654 | _a मायेचा बाजार | ||
| 654 | _a भयंकर दिव्य | ||
| 654 | _a मी | ||
| 654 | _a गणपतराव | ||
| 654 | _a कर्मयोगी | ||
| 654 | _a यशवंत खरे | ||
| 654 | _a | ||
| 245 | _aहरिभाऊंची सामाजिक कादंबरी | ||
| 260 |
_aमुंबई _bपॉप्युलर प्रकाशन _c1973 |
||
| 082 | _a891.463 | ||
| 300 |
_bHb _a12, 224 |
||
| 999 |
_c380189 _d380189 |
||
| 041 | _amar | ||