| 000 | 02048nam a2200325Ia 4500 | ||
|---|---|---|---|
| 100 | _aआंबेडकर, बाबासाहेब | ||
| 520 | _aपुन:श्च हरि: ऊँ | ||
| 365 | _b25 | ||
| 942 | _cBK | ||
| 654 | _aआंबेडकर, बाबासाहेब | ||
| 654 | _a ढोंगीपणा,माथेफिरुपणा व गैरमुत्सद्दीपणा | ||
| 654 | _a महार आणि त्यांचे वतन | ||
| 654 | _a महाड येथील धर्मसंगर व वरिष्ठ हिंदुंची जबाबदारी | ||
| 654 | _a महाड येथील धर्मसंगर व अस्पृश्य वर्गाची जबाबदारी | ||
| 654 | _a आमचे टीकाकार | ||
| 654 | _a दु:खात सुख | ||
| 654 | _a अस्पृश्योन्नतीचा आर्थिक पाया | ||
| 654 | _a महार वतनाचा कायदा व त्यात सुचवलेल्या दुरुस्त्यांचे स्पष्टीकरण | ||
| 654 | _a अस्पृश्यता व सत्याग्रहाची सिद्धी | ||
| 654 | _a अस्पृश्यता निवारणाचा पोरखेळ | ||
| 654 | _a आप घरी बाटा बाप घरीही बाटा | ||
| 654 | _a बहिष्कृत भारताचे ऋण हे लौकीक ऋण नव्हे काय ? | ||
| 654 | _a पुन:श्च हरि: ऊँ | ||
| 654 | _a महाड येथील धर्मसंगर व इंग्रज सरकारची जबाबदारी | ||
| 654 | _a | ||
| 245 | _aबहिष्कृत भारतातील अग्रलेख | ||
| 260 |
_aऔरंगाबाद _bरत्नमित्रा प्रकाशन |
||
| 082 | _aM301.450954 | ||
| 300 |
_bHb _c22.5cm _a(4), 354 |
||
| 999 |
_c402960 _d402960 |
||
| 041 | _amar | ||