| 000 | 01993nam a2200337Ia 4500 | ||
|---|---|---|---|
| 100 | _aबर्वे, राजेंद्र | ||
| 520 | _aविजय घरातून पळून गेला | ||
| 365 | _b100 | ||
| 942 | _cBK | ||
| 654 | _aशिक्षणाचं माध्यम व बुध्धी | ||
| 654 | _a विजय घरातून पळून गेला | ||
| 654 | _a असूया आणि मत्सर या भावनांचं आस्तित्व नाकारु नका | ||
| 654 | _a पालकांचे मतभेद राकेशला भोवले.... | ||
| 654 | _a अभ्यास म्हणजे आईची कटकट! | ||
| 654 | _a स्वत:ची घोर निराशा करुन घेणारा मनोरुग्ण 'सुभाष' | ||
| 654 | _a दोष तर निखिलास सुनीलाच्या पालकांचाच होता.. | ||
| 654 | _a अति लाडांन मुलं बिघडतात.. | ||
| 654 | _a अभ्यासाचं व्यसन? | ||
| 654 | _a स्नेहाची पोटदुखी | ||
| 654 | _a तुमचा मुलगा मतिमंद आहे? | ||
| 654 | _a बुद्धांक आणि परिक्षेतील यशापशय... | ||
| 654 | _a रिलँक्सेशनचा उपयोग चांगला.. | ||
| 654 | _a मुलांना पांगळं करणार प्रेम नको! | ||
| 654 | _a नखं खाणारा राहुल.. | ||
| 654 | _a पल्लवीच्या मनातील भीती | ||
| 654 | _a | ||
| 245 | _aकथा पालकांच्या व्यथा मुलांच्या | ||
| 260 |
_aमुंबई _bमनोविकास प्रकाशन _c2003 |
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| 082 | _aM301.427 | ||
| 300 |
_bPb _c21.5 cm _a180 |
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| 999 |
_c418206 _d418206 |
||
| 041 | _amar | ||